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 फोटोग्राफी एक ऐसी कला  है जो हुनर, कला, विज्ञान, मशीन और नज़रिये ,सभी के बराबर संतुलन से बेहतर होती है.  हज़ारो साल से इंसान को प्रकृति कभी सम्पूर्ण रूप से ,कभी प्रकृति का कोई खास हिस्सा , किसी इंसान का चेहरा और उसका कोई कोण बहुत पसंद आता रहा है  . इन्ही ख़ास हिस्सों को ,इनकी सीमितता के साथ कही दर्ज़ करना ,हमेशा ख्वाहिशो का विस्तार रहा है.  मनुष्य हमेशा से अपनी ख्वाहिशो को ज़मीन पर उतारने के लिए उपकरण और कला दोनों को साधने का सतत प्रयास करता रहा है. क्रिएटिव फोटोग्राफी ,फोटोग्राफी का एक बेहद अहम् हिस्सा है जहाँ पर विभिन्न एंगल ,लाइट ,कम्पोजीशन और फ्रेमन के सहायता से अनोखा फोटो तैयार किया जाता है 

निम्नलिखित सब  हेडिंग्स के द्वारा फोटोग्राफी को समझाने का प्रयास किया गया है
फोटोग्राफी का इतिहास
विज्ञान बनाम कला
अपर्चर और शटर स्पीड
डेप्थ ऑफ़ फील्ड
फ्रेमिंग
फोटो एडिटिंग सॉफ्टवेयर


 

 

 

 

 
फोटोग्राफी  का इतिहास 

 

इसी श्रृंखला में १८३७ में फ्रांस को दो कलाकार ,luis daguerre और joseph nicephore niepce ने, वक़्त के किसी ख़ास लम्हे को , किसी यंत्र में हमेशा के  लिए क़ैद करने में सफलता हासिल कर ली. सालो तक श्रम साधते हुए इन दो कलाकार/ वैज्ञानिक ने एक ख़ास तरह की फोटोग्राफी में महारत हासिल की और १८३९ फ्रेंच सरकार ने उनकी फोटोग्राफी को daguerreotype फोटोग्राफी की मान्यता दी. इसी साल १९ अगस्त १८३९ में फ्रेंच सरकार और इन दोनों कलाकार के इस रचनात्मक आविष्कार को ,विश्व ने पेटेंट कर मान्यता दी . फ्रांस ने इस कला और साइंस के अद्भुत मेल को विश्व को सौंप दिया. 

 

 

 

 

 विज्ञान बनाम कला

दर असल फोटोग्राफी में जितना योगदान एक बेहतरीन कैमरा का होता है, उससे कही ज़्यादा योगदान उस कैमरा के पीछे की आँख, उसकी फ्रेम में दृश्य या व्यक्ति को बाँधने की कला का होता है.  अक्सर युवा पीढ़ी में डिजिटल  हाईएंड कैमरे , अधिकतम मेगा पिक्सेल की ख्वाहिश होती है. वो इस परसेप्शन का शिकार होते है कि अत्याधुनिक कैमेरा, ज़्यादा मेगा पिक्सेल , फुल फ्रेम कैमेरा ,  टेली फोटो लेन्सेस की मदद से ही बेहतरीन पिक्चर को क्लिक किया जा सकता है. फोटोग्राफी के बारे में व्याप्त  इस मिथ को बदलने की आवश्यकता है. एक साधारण एनॉलॉग कैमेरा से भी , अपर्चर और शटर स्पीड को मैन्युअली कण्ट्रोल करके , सही संतुलित मात्रा में  लाइट को कैमरे में प्रवेश कराके बेहतर पिक्चर क्लिक की जा सकती है. यही नहीं बल्कि जिस सब्जेक्ट को हम कैमरे में क़ैद करना चाहते है , उसके आगे के फोरग्राउंड और पीछे  के बैकग्राउंड के बीच एक तारतम्य भी स्थापित करना होता है.  कई बार हम सब्जेक्ट को ज़्यादा हाईलाइट करने के लिए हम बैकग्राउंड को ब्लर कर देते है जिसको फोटोग्राफी की टेक्निकल भाषा में डिफोकस करना कहते है. 

 

अपर्चर और शटर स्पीड

 इसी तरह कई बार लाइट के अभाव या उसकी अधिकता को कण्ट्रोल करने के लिए और सही मात्रा में सब्जेक्ट को लाइट प्रदान करने के लिए कैमरे में स्थिति अपर्चर का इस्तेमाल किया जाता  है  . अपर्चर कैमरे में एक होल होता है जिसका साइज छोटा या बड़ा किया जा सकता है.  अपर्चर को मापने का पैमाना ऍफ़ नंबर होता है. जितना एफ नंबर कम  होता है, अपर्चर का साइज बड़ा होता है और सब्जेक्ट को ज़्यादा लाइट मिलती है. ऐसे ही शटर स्पीड को भी नियंत्रित करके संतुलित लाइट दी जा सकती है. शटर स्पीड , कैमरे में कितनी देर लाइट जाएगी, इसको चेक करती है. जितनी शटर स्पीड कम होगी, लाइट उतनी ज़्यादा देर तक कैमरे में प्रवेश करती रहेगी. 

 

डेप्थ ऑफ़ फील्ड

 फोटोग्राफी में रचनात्मकता लाने के लिए डेप्थ ऑफ़ फील्ड की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है. डेप्थ ऑफ़ थे फील्ड का मतलब, पिक्चर का कितना हिस्सा पूरे फोकस में होता है।  कई बार फोरग्राउंड या बैकग्राउंड या दोनों को डिफोकस करके सब्जेक्ट को ज़्यादा उभरा जाता है.  डेप्थ ऑफ़ फील्ड यानी डीओएफ का सीधा सम्बन्ध अपर्चर से होता है.  जितना अपर्चर बड़ा होगा उतना डीओएफ कम होगा. 

 

 फोटो एडिटिंग सॉफ्टवेयर

अक्सर फोटोग्राफर, अपने क्लिक किये हुए रॉ फोटो को अलग अलग सॉफ्टवेयर के माध्यम से, उनके रंग संयोजन , और लाइट को बेहतर करते है. फोटोशॉप , लाइटरूम , पॉपुलर फोटो एडिटिंग सॉफ्टवेयर होते है . डिजिटल कैमरे से खींचे गए फोटोग्राफ को इन सॉफ्टवेयर की मदद से  बेहतर किया जाता है. लेकिन एक अच्छा फोटोग्राफर तकनीकी से ज़्यादा , कला और पर्सपेक्टिव यानी नज़रिये पर निर्भर होता है. कैमरे की आँख से ज़्यादा , फोटोग्राफर की आँख और उसमे ठहरा हुआ चित्र ज़्यादा महत्वपूर्ण होता है. 

 

 

 

हम अपनी आँखों में दृश्य, पल या किसी व्यक्ति के भाव को देख सकते है लेकिन क़ैद नहीं कर सकते. फोटोग्राफी ने मानवीय इतिहास को ये अनूठा आविष्कार दिया। हर साल १९ अगस्त को वर्ल्ड फोटोग्राफी डे मनाया जाता है   आज अंतर्राष्ट्रीय फोटोग्राफी दिवस पर , कैमरे के पीछे खड़े सभी कलाकारों को बधाई.

बेहतर फोटोग्राफी कॅरियर के लिए नीचे दिए वीडियो लिंक पे क्लिक करें  

https://www.youtube.com/watch?v=iJn6FNCxSDE&t=260s 

© अविनाश त्रिपाठी

1 comment:

  1. So informative, thanks for providing such an interesting contents

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